(1) प्रवेशार्थी छात्र प्रथम श्रेणी से पांचवीं या विशेष योग्यता सहित छठी कक्षा उत्तीर्ण हो ।
(2) छात्र का उत्तीर्ण कक्षा के स्तर का लिखित और मौखिक परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में संतुष्ट होने पर गुरुकुल के आचार्य के द्वारा प्रवेश की अनुमति दी जा सकेगी ।
(3) पांचवीं उत्तीर्ण छात्र को छठी और छठी उत्तीर्ण छात्र को सातवीं कक्षा में प्रवेश मिल सकेगा।
(4) कम से कम 75 प्रतिशत अंको से सातवीं कक्षा उत्तीर्ण एवं विशेष बुद्धि सम्पन्न आठवीं उत्तीर्ण छात्रों को गुरूकुल की आठवीं कक्षा में ही प्रवेश मिल सकता है। नवमी कक्षा में प्रवेश बन्द है।
(5) छात्र सर्वांग, स्वस्थ, आज्ञाकारी, अनुशासन प्रिय, विनम्र पुरूषार्थी हो ।
(6) समस्याशील छात्रों को अभिभावक इस गुरूकुल में प्रवेश दिलाने का विचार भी न रखे।
(7) इसी वर्तमान वर्ष में उत्तीर्ण कक्षा की अंकसूची (मार्कसीट) एवं स्थानान्तरण प्रमाण पत्र (टी0सी0) की मूल प्रति एवं समग्र आई डी, आधार कार्ड (बालक एवं अभिभावक का), दो फोटों साथ लाएँ।
(8) गणित, कम्प्यूटर, योगविज्ञान, राष्ट्रभाषा, भूंगोल, विज्ञान, अंग्रेजी आदि विषय समान्यतः सिखाए जाते हैं। किन्तु वेद-वेदांग, संस्कृत व्याकरण आदि विषय विशेषतः पढ़ाए जाते हैं ।
(9) छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु योग, आसन, प्राणायाम,व्यायाम एवं क्रीडा की व्यवस्था रखी गई है।
(10) विज्ञान, आयुर्वेद, इतिहास सामाजिक परिवेश आदि की प्रत्यक्ष जानकारी हेतु छात्रों को शैक्षिक यात्रा (भ्रमण) पर ले जाया जाता है।
(11) गुरुकुल में कम से कम शास्त्री कक्षा तक पढ़ाने का दृढ़ विचार रखें। छात्र की गुरुकुल से टी0सी0 ले लेने के बाद किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी गुरुकुल की नही होगी।
(12) पढ़ाने का कोई मासिक शुल्क नही लिया जाता अर्थात् विद्या निःशुल्क दी जाती है। छात्रों को गुरुजनों से विद्या विनम्रता पूर्वक ग्रहण कर लेनी चाहिए।
(13) यद्यपि मासिक व्यय रू 4000/ होता है तो भी व्यय राशि कम ली जाती है।
(14) (क) प्रवेश के समय ही प्रवेश शुल्क रु 2000/(दो हजार रूपये) प्रति छात्र अभिभावक गुरुकुल को प्रदान करेंगे। जो कि एक बार ही देना होगा। अभिभावक द्वारा छात्र सहायता शुल्क के रूप में रु 1500/(एक हजार पाँच सौ रुपये)मासिक के हिसाब से बारह मास (एक वर्ष) का रु 18000/(अठारह हजार रुपये) प्रवेश के समय देना होगा। इस प्रकार कुल रु 20000/(बीस हजार रुपये) खर्च देना होगा।
(15) छात्र के निजी व्यय जैसे – पुस्तकंे, कापी, पेन, चिकित्सा, वस्त्र, मार्ग व्यय आदि के लिए लगभग पांच हजार रुपये गुरुकुल मेें जमा करा देना चाहिए। इस राशि में से छात्र का जितना खर्च होगा उतना ही गुरुकुल लेगा।
(16) छात्रो के पास कोई राशि नहीं रहेगी और न ही दें। आचार्य ही आवश्यकतानुसार छात्र पर खर्च करेंगे।
(17) गम्भीर रोग एवं अनुशासन हीनता पर छात्र को घर भेज दिया जाएगा।
(18) आचार्य की बिना लिखित अनुमति के छात्र के गुरुकुल से चले जाने पर आचार्य या गुरुकुल प्रबन्धन की कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी।
(19) छात्र के लिए आगे लिखी वस्तुएँ साथ लायें- (क) दो सफेद कुर्ते, दो सफेद सैन्डो बनियान, दो सफेद कटिवस्त्र, दो लाल लंगोट एवं पीली सूती शाल, एक खाकी हाफ पैंट, एक सफेद हाफ सर्ट, एक जोडे़ सफेद जूते व सफेद मोजे, तौलिया। (ख) बर्तन- स्टील की थाली, गिलास, दो कटोरियां, दो लीटर पानी की डोल्ची (कमंडल),चम्मच, ताबें के पंचपात्र एक सैट। (ग) संध्या व पढ़ने के लिए अलग-अलग दो आसन। (घ) बिस्तर – दरी, मोटा कम्बल, चादर लायें या रजाई गद्दे आदि भी लाए जा सकते हैं। (ङ) दो पेन, कम्पाक्स बाक्स व आठ- दस कापियां साथ लायें।
(20) अन्य सामान- ताला, बन्द पेटी, टार्च, बरसाती या छतरी, सूई धागा, गोंद की शीशी, कैंची, नेलकटर, ब्रश, जीभी, आयुर्वेद दंत मंजन, बिना सुगन्ध का सरसों व नारियल का तेल आदि साथ लाएं।
(21) यह आर्ष गुरुकुल विद्यालय/महाविद्यालय महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान (भोपाल म प्र) एवं महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक (हरियाणा ) के पाठ्यक्रम से सम्बद्ध है। अतः समस्त पुस्तके गुरुकुल से ही क्रय करनी होंगी।
(22) छात्र को सामान्यतया घर जाने का कोई अवकाश नही दिया जाता। यदि अभिभावक अति आवश्यक समझें तो जून मास में छात्र को 15 दिन के अवकाश की अनुमति लेकर ले जा सकते हैं। विशेष त्योहार श्रावणी, दीपावली, विजयादशमी, होलकोत्सव गुरुकुल का वार्षिकोत्सव आदि पर्व गुरुकुल में ही उत्तम रीति से आयोजित किए जाते हैं।
(23) आचार्य जी से अनुमति लिए बिना छात्रों से मिलने के लिए चाहे जब न आयें। अनुमति लेकर ही आयें।
(24) भोजन आदि की व्यवस्था सब छात्रों के लिए एक समान होती है। अभिभावक केवल अपने बालक को अलग से मिठाई आदि खाने-पीने की वस्तु न ला सकेेंगे। हां गुरुकुल के सारे छात्रों को सात्विक बुद्धि वर्धक, पौष्टिक फल आदि पदार्थ देना चाहें तो धन्यवाद पूर्वक स्वीकार किया जायेगा।
(25) निवास के लिए कक्ष, गुरुकुल के फल, दुग्ध, विद्युत एवं जल व्यवस्था आदि सब छात्रों के लिए समान रूप से उपलब्ध कराई जाती हैं।
(26) गुरुकुल में परिवार जैसा वातावरण होता है, छात्रों की पढ़ाई व स्वास्थ्य का सतत ध्यान रखा जाता है। अतः इन्हीं सामान्य बातों की जानकारी के लिए दूरभाष (फोन) नहीं करना चाहिए। क्योंकि विद्या पढ़ने पढ़ाने में विघ्न पढ़ता है। विशेष आवश्यकता समझें तो सायं 4ः15 से 5ः15 बजे तक प्रधानाचार्य को फोन कर सकते हैं।