सन् 1912 में स्थापित इस आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय द्वारा अनेकों स्नातकों निर्माण करके देश व समाज की उन्नति के लिए समर्पित किया गया। यथा-
1. आचार्य सत्यसिन्धु आर्य (प्रधानाचार्य, आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद),
2.डॉ. सिद्धसेन शास्त्री (प्राध्यपक, रामानन्द संस्कृत महाविद्यालय भोपाल),
3. आचार्य अखिलेश शर्मा (सहायक प्रोफेसर लातूर),
4. श्री शुचिव्रत तास्के (प्रधानाचार्य, यवतमाल),
5. श्री प्रमोद शास्त्री (सहायक प्रोफेसर, उद्गीर),
6. नरेन्द्र शास्त्री (सहायक प्रोफेसर, उद्गीर),
7. सत्येन्द्र शास्त्री (व्याख्याता, ग्वालियर),
8. श्री ओम्प्रकाश शास्त्री एवं आचार्य विजय प्रकाश शास्त्री (धर्माचार्य हॉलैण्ड),
9. डॉ.धर्मेन्द्र शास्त्री (पूर्व सचिव, संस्कृत अकादमी दिल्ली एवं व्याख्याता),
10. श्री वीरेन्द्र शास्त्री (प्राध्यापक,बीड़),
11. डॉ.सोमदेव शिन्दे (प्राध्यापक, लातूर),
12.डॉ. देवदत्त सरोदे (प्राध्यापक,मुम्बई),
13.आचार्य राजेश शास्त्री (अध्यापक, नांदेड़),
14.श्री महादेव शास्त्री (विद्युत विभाग, लातूर),
15.आचार्य धर्मवीर जी (गुरुकुल संचालन, नागपुर),
16. स्वामी गणेशानन्द सरस्वती (पतंजलि योगपीठ हरिद्वार),
17. आचार्य उमेश कुमार शास्त्री (संस्कृत अध्यापक),
18. आचार्य विक्रमदेव (संस्कृत अध्यापक भोपाल),
19. आचार्य पवन कुमार (संस्कृत अध्यापक,दिल्ली सरकार),
20.आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक(वैदिक प्रवक्ता),
21.आचार्य अंकेशकुमार (संस्कृत अध्यापक, छत्तीसगढ़),
22. आचार्य विनीत कुमार (हिन्दी अध्यापक, चन्द्रपुर, नागपुर),
23. श्री महेन्द्र जी (प्राध्यापक, लातूर),
24. आचार्य सत्यपाल शास्त्री (अध्यापक गुरुकुल होशंगाबाद),
25.श्री अनिलदेव (संस्कृत अध्यापक भोपाल),
26. अनिल आर्य (प्राध्यापक,महू),
27. श्री नीरज आर्य (प्राध्यापक, म.प्र.)
28. श्री जितेन्द्र धाकड(प्राध्यापक, म.प्र.)
29.श्री रामकुमार (प्राध्यापक, म.प्र.)आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
इनके अतिरिक्त श्री आनन्द कुमार (चन्दौली),श्री शिवराज आर्य (चन्दौली), श्री धनंजय आर्य (वाराणसी), श्री ऋषिकुमार (कांगड़ा), श्री आकाश आर्य (वाराणसी), श्री विमल आर्य (कन्नौज), श्री ब्रजेश आर्य (भिण्ड), श्री चन्द्र प्रकाश आर्य (चन्दौली), श्री सन्तोष आर्य (चन्दौली), श्री सुशील आर्य (कटनी), श्री अजीत आर्य (चन्दौली), श्री अभय आर्य (चन्दौली), श्री आशीष आर्य (चन्दौली), श्री अविनाश आर्य (चन्दौली), आचार्य सोममित्र आग्नेय (धर्माचार्य, दिल्ली), आचार्य विनोद शास्त्री (ज्योतिषाचार्य, ग्वालियर), आचार्य आदित्य धर्माचार्य ( भोपाल), श्री प्रशान्त आर्य (धर्माेपदेशक, केरल), श्री नरेन्द्र शास्त्री (अध्यापक, निजामाबाद), आचार्य वेदसिन्धु आर्यन् (अध्यापक, श्रीनगर), श्री रणविजय शास्त्री, (धर्माचार्य, जम्मू), श्री अग्निव्रत शास्त्री (अध्यापक, निजामाबाद), श्री आनन्द शास्त्री (धर्माचार्य, पूणे), श्री अनूप शर्मा (सैनिक, भिण्ड), श्री पुनीत शास्त्री (प्राचार्य, मुगलसराय), श्री अर्जुन आर्य (राजनेता, दिल्ली), श्री आनन्द जाट (पत्रकार, सिहोर), श्री सन्तोष आर्य (इंजिनियर, नरसिंहपुर), श्री ज्ञानेन्द्र (व्यवसायी, परतवाडा), श्री अग्निमित्र शास्त्री (अध्यापक, कोटा), श्री मनोजित् आर्य होशंगाबाद), श्री प्रीतम आर्य ( वाराणसी), श्री धुरन्धर आर्य, श्री दीपक आर्य, श्री रणजित् आर्य, ब्र . मोहन आर्य श्रुतबन्धु (शाजापुर), श्री सूरज आर्य (चिचौली), श्री अर्जुन आर्य (रतलाम), श्री सूर्यप्रताप आर्य, श्री अनिकेत आर्य (वाराणसी) श्री हिमांशु आर्य, श्री दिपांकुर आर्य (पनीपत), श्री उदय आर्य (गंगापुर सिटी), श्री रोहित आर्य, श्री राहुल आर्य (भबुआ बिहार), श्री जितेन्द्र आर्य, श्री महेन्द्र आर्य (विदिशा), श्री अजय आर्य (अमरावती), श्री सत्यप्रकाश आर्य (बनारस), श्री मनुदेव आर्य (शाजापुर), श्री योगेश आर्य (विदिशा), श्री प्रतीक आर्य (अमरवती), श्री अभय आर्य (छिंदवाड़ा) आदि भारत के विभिन्न प्रान्तों से आये हुए अनेक ब्रह्मचारी, स्नातकों ने अपने-अपने स्थान पर गुरुकुल की गौरव, गरिमा व मान-प्रतिष्ठा को बढ़ाने में सतत् प्रयत्नशील हैं।